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4 संहिताए मजदूर कर्मचारियों पर प्रभावी होगी क्या यह सरकार का निर्णय सही है

पुरानी यूनियनों का डी-पंजीयन एवं नई यूनियनों का पंजीयन नही दिया जायेगा
हरतल पर प्रतिबंध एवं कारावास
सरकार द्वारा यह कानून लागू करना मजदूर कर्मचारियों के हित में नहीं है क्योंकि जिस तरह से समस्त शासकीय विभागों में नियमित कर्मचारियों के रिटायरमेंट होने के बाद उनके स्थान में आउटसोर्स मजदूरों को रखा जाता है एवं कंपनी द्वारा जो जॉइनिंग लेटर दिया जाता है उस पर 8 घंटे का कार्य करने का समय दिया होता है लेकिन जिस विभाग में वह कर्मचारी पदस्थ होता है उसे वहां पर 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे या 16 घंटे कार्य करवाया जाता है एवं समय पर उसकी मजदूरी भी विभाग द्वारा नहीं दिलवाई जाती ना उसे कोई सुरक्षा उपकरण ग्रेविटी सुरक्षा बीमा करवाया जाता है इन आउटसोर्स कर्मचारी की नोकरी करने का समय 18 वर्ष से 45 वर्ष के बीच में होता है जब उसके ऊपर लंबी जवाबदारी का बोझ होता है तभी उसे बाहर कर दिया जाता है ना ही इन कर्मचारियों को संविदा का लाभ प्रदान किया जाता अगर इतना बड़ा इन कर्मचारियों के साथ अन्याय होता है तो यह अपने अधिकार के लिए आवाज उठाना एवं हड़ताल करना गलत है क्या सरकार इस पर विचार करें और इन कानून को तत्काल वापस ले
मुनिंद कुमार मिश्रा
प्रदेश संयोजक
विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन मध्य प्रदेश

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